Friday 17 February 2017

देश के 91 प्रमुख जलाशयों के जलस्तर में 3 प्रतिशत की कमी : 16 feb 2017

देश के 91 प्रमुख जलाशयों के जलस्तर में 3 प्रतिशत की कमी : 16 Feb 2017
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=59586

पत्र सूचना कार्यालय 
भारत सरकार
जल संसाधन मंत्रालय 
 16 Feb 2017

16 फरवरी, 2017 को समाप्त् सप्तांह के दौरान देश के 91 प्रमुख जलाशयों में 71.683 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का संग्रहण आंका गया। यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 45 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल संग्रहण का 128 प्रतिशत तथा पिछले दस वर्षों के औसत जल संग्रहण का 102 प्रतिशत है। उधर 9 फरवरी, 2017 को समाप्तव सप्ताजह में यह 48 प्रतिशत आंका गया था।

इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो समग्र रूप से देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थारपित क्षमता के साथ पनबिजली संबंधी लाभ देते हैं। क्षेत्रवार संग्रहण स्थिति उत्ततरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्था0न आते हैं। इस क्षेत्र में 18.01 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले छह जलाशय हैं, जो केन्द्रीाय जल आयोग (सीडब्यू सी) की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 6.00 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 33 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिकति 36 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 39 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण कमतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी कमतर है। 

पूर्वी क्षेत्र

पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चि म बंगाल एवं त्रिपुरा आते हैं। इस क्षेत्र में 18.83 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 15 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्धल संग्रहण 12.74 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 68 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिरति 50 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 55 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण बेहतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी बेहतर है।

पश्चिसमी क्षेत्र

पश्चिसमी क्षेत्र में गुजरात तथा महाराष्ट्रल आते हैं। इस क्षेत्र में 27.07 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 27 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्धष संग्रहण 16.04 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 59 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिउति 31 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 54 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण बेहतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी बेहतर है। 

मध्यऔ क्षेत्र

मध्यऔ क्षेत्र में उत्त।र प्रदेश, उत्तसराखंड, मध्यल प्रदेश तथा छत्तीकसगढ़ आते हैं। इस क्षेत्र में 42.30 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 12 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्धह संग्रहण 24.72 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 58 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिरति 46 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 40 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण बेहतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी बेहतर है।

दक्षिणी क्षेत्र

दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश (एपी), तेलंगाना (टीजी), एपी एवं टीजी (दोनों राज्योंं में दो संयुक्त परियोजनाएं), कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु आते हैं। इस क्षेत्र में 51.59 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 31 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्धआ संग्रहण 12.19 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 24 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थि।ति 24 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 41 प्रतिशत था। इस तरह चालू वर्ष में संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए संग्रहण के बराबर है, लेकिन यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से कमतर है। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बेहतर है उनमें पंजाब, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, एपी एवं टीजी (दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं) और तेलंगाना शामिल हैं। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण कमतर है उनमें हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, उत्तलराखंड, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल हैं।
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